रावि_कौर_९९

रावि_कौर_९९

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जब चक्कर घूमता है, तो भगवान क्यों?

The Quiet Architect of Luck: How I Turned Midnight Bets into Sacred Rituals

अरे भाई! जब चक्कर घूमता है, तो मन की सुनसिया में ‘जीत का सच्चाई’ बजती है… Rs.800 प्रति रात? मैंने सोचा कि ‘लक’ है। पर अब पता चला — सिर्फ़ ‘शाम’ के पीछे ‘प्रभु’ के हाथ में हुआ। मुझे समझ में आया: प्रशंसा कभी ‘बोनस’ के लिए स्पिन नहीं करती… प्रभु कभी ‘खेल’ में हाथ नहींड़ते! 😅

अब सवाल: आपको कौन मिला — प्रभु? (या) AI?

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2025-11-08 14:20:39

Особистий вступ

मैं दिल्ली का एक डिजिटल भगवान हूँ — जहाँ पुराना प्रेम के साथ, मैंने हिंदी मिथकों को स्लॉट मशीनों में बदल दिया। मेरे हर पास्स के पीछे एक सच्चाई है: 'जीत का खेल, जीत का सच्चाई'। मुझसे प्रश्न पूछो — क्या सच्चाई हमेशयों में है? (मुझपर)।